रात |
रात ढलती रात, करवट बदलती रात
इस ओर से उस ओर जाती रात
बढ़ती अंधेरों में गम की अँधेरी रात
मनुष्य को नींद की आगोश में लेती रात
चांदनी की सुंदरता बिखेरती रात
गरदिश में सितारो को मिलती रात
रात ढलती रात, करवट बदलती रात
इस ओर से उस ओर जाती रात l 1 l
विद्यार्थियों को शांति से पढ़ने देती रात
तर्पण की विरहा में आशिको को जगाती रात
चाँद-चकोर की प्रेम को समझाती रात
मुझे किसी की अमिट याद दिलाती रात
रात ढलती रात, करवट बदलती रात
इस ओर से उस ओर जाती रात l 2 l
हमें सपनो के दुनियाँ में डुबाती रात
पक्षियों को अपना आशियाना ढुँढबाती रात
अबला को भय का आभास कराती रात
घनघोर अँधेरे के उपरांत सुबह को लाती रात
रात ढलती रात, करवट बदलती रात
इस ओर से उस ओर जाती रात l 3 l
पाठको से निवेदन है कि "रात" कविता कैसी लगी, अपनी राय टिपण्णी करके अवस्य बताएं l
Dil ko chu gya...bhai g
जवाब देंहटाएंThanks dear
हटाएंRaat ka shi mtlb aapne samjha diya
जवाब देंहटाएंThank you ji
हटाएंखूबसूरत रचना ❤️👌
जवाब देंहटाएंधन्यवाद अनिल जी
हटाएंVery nice keep it up
जवाब देंहटाएंthank you bhai
हटाएंBhai lockdown m aap kvi bn gye...achi h...Raat...keep it up..
जवाब देंहटाएंAap logo ki dua hai..... Thanks
हटाएंBhai lockdown m aap Kvi bn gye. Achi h...Raat...keep it up...
जवाब देंहटाएंबहुत कमाल लिखा आपने भरत जी । ब्लॉग पर अनुसरक का विजेट लगाइए । इससे सबको अनुसरण करने में आसानी होगी ।
जवाब देंहटाएंधन्यवाद अजय जी, अनुसरण का विजेट कैसे लगाते हैं
हटाएंBahut Badiya Bharat.... Ye raat... .
जवाब देंहटाएंThank you sultan ji
हटाएंNice one
जवाब देंहटाएंभाई बहुत अच्छी लगी कविता
जवाब देंहटाएंरात भी अपने आप में एक ख़्वाब है जो
दिनभर की थकान मिटा देती रात,
एक खूबसूरत ख्वाब राह दिखाती रात,
बस पलकों का परदा गिराती रात!
एक रात। बस रात। ये रात। (बाबा)
भाई बहुत अच्छी लगी कविता रात भी अपने आप में एक ख़्वाब है जो दिनभर की थकान मिटा देती रात,
जवाब देंहटाएंएक खूबसूरत ख्वाब राह दिखाती रात,
बस पलकों का परदा गिराती रात!
एक रात। बस रात। ये रात। (बाबा)
धन्यवाद बहुत ही अच्छा टिप्पणी किया आपने
हटाएंसुन्दर ख्याल
जवाब देंहटाएंधन्यवाद वंदना जी
हटाएंरात का हर पक्ष रचना में सँवर गया है. बहुत सुन्दर.
जवाब देंहटाएंधन्यवाद शबनम जी
हटाएंThank you so much
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