गॉंव की धरती |
वह गॉंव की धरती पीले पीले सरसो
देखे हुए आज हुआ मुझे बरसो
खेतो की मस्ती और बादल की हस्ती
कहती है मुझसे आजाओ तुम बस्ती l १ l
पीपल के पत्ते, सावन की राते
याद हमें है उनकी सताते
पेड़ो की छाया और ममता की माया
कहती है क्यों तुमने हमें भुलाया l 2 l
जीवन के दिन होते है छोटे
आजाओ घर तुम मेरे बेटे
पनघट की पानी, बचपन जवानी
कहती है मुझसे कहानी पुरानी
सावन के दिन तो लगते सुहाने
फिर क्यों हो तुम इनसे बेगाने l 3 l
वह गॉंव की गोरियां, बागो की कलियाँ
बुलाती है मुझको अपने गलियां
हम है यहाँ, पर मन है वहाँ
गॉंव की धरती बुलाये वहाँ l 4 l
पाठको से निवेदन है कि गॉंव की धरती कविता कैसी लगी, अपनी राय टिपण्णी करके अवस्य बताएं l
Bahut hi sundar kavita hai gaon ki yaad agayi
जवाब देंहटाएंधन्यवाद जी
हटाएंChalo laut Chalen.
जवाब देंहटाएंअवस्य
हटाएंजब भी बात जीवन और खुशहाली की होती है, तो लोग गांवों को ही याद करते हैं। क्यूंकि गॉंव स्वर्ग से भी अति सुंदर होता है।
जवाब देंहटाएंबहुत खूब लिखा भाई गॉंव की मिट्टी की ख़ुशबू की बात ही निराली है। (बाबा)
जब भी बात जीवन और खुशहाली की होती है, तो लोग गांवों को ही याद करते हैं। क्यूंकि गॉंव स्वर्ग से भी अति सुंदर होता है।
जवाब देंहटाएंबहुत खूब लिखा भाई गॉंव की मिट्टी की ख़ुशबू की बात ही निराली है। (बाबा)
आप बिल्कुल सत्य कह रहे है
हटाएंधन्यवाद भाई
हटाएंHello nice bro awesome 😍
जवाब देंहटाएंThanks dear
हटाएंAthi Uttham.. 👍
जवाब देंहटाएंधन्यवाद
हटाएंBohot sundar kavita ai
जवाब देंहटाएंधन्यवाद
हटाएंPar gaon ki dharti bulaye wahan wah
जवाब देंहटाएंहाँ बुलाये वहां
हटाएंIt's original bhai g
जवाब देंहटाएंyes dear
हटाएंAapki Gaon m hum b jana chahenge..aise hin likhte reh bhai...bhut ache
जवाब देंहटाएंJarur chalo bhai most welcome.... Aap log sahyog dete rahe aur mai likhta rahunga..... Bus comment like share follow karte rahiye
हटाएंBhut khubsurat
जवाब देंहटाएंThanks bhai
हटाएंHum hain Yahan par mann hai wahan.... Bahut umda likha hai bandhu...
जवाब देंहटाएंThank you sultan bhai
हटाएंSach hai bhai
जवाब देंहटाएंBilkul bhai
हटाएंबेहतरीन रचना
जवाब देंहटाएंधन्यवाद सरिता जी
हटाएंगाँव की मिट्टी से जुड़े छंद अच्छे लगे ... सुंदर रचना ...
जवाब देंहटाएंधन्यवाद दिगंबर जी,
हटाएंसरल और सुंदर प्रयास भरत जी । साधुवाद गाँव की याद दिलाने के लिए
जवाब देंहटाएंधन्यवाद अजय जी, आपके जितना निपुर्ण तो नहीं हूं परंतु लिखने का प्रयास करता हूं l
हटाएंसहज सरल प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंधन्यवाद वंदना जी
हटाएंgaon ki yaad agayi achha likha hai
जवाब देंहटाएंThank you
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